भारतीय संविधान के आर्टिकल 147 का सच
हमारे देश के संविधान का आर्टिकल 147 कहता है कि यदि ब्रिटिश पार्लियामेंट कोई रेस्लोल्युशन पास करदे तो वो भारत के सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए मान्य होगा। मतलब यदि आज ब्रिटेन का पार्लियामेंट भारत की सत्ता वापस अपने हाथ लेने का कानून पास करदे तो यह पूर्णतया कानूनी होगा और भारत सरकार को कानूनी तौर पर इसे मानना ही होगा क्योंकि यह संविधान में लिखा है। यह बात मुश्किल भाषा में संविधान लिखकर तथा घुमा फिराकर, इतनी अच्छी तरह छुपायी गयी है की इसे समझना अत्यंत कठिन कार्य है। साथ ही भारत का हर प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते समय एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करता है जिसमें लिखा होता है की वो काउन्सिल (ब्रिटिश पार्लियामेंट) और ब्रिटेन की रानी द्वारा दिए गए आदेश को मानने के लिए बाध्य होगा। ब्रिटेन की रानी आज भी कानूनी तौर पर भारत की रानी है, वो अपनी मर्ज़ी से बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत आ जा सकती है। और फिर आप कहो कि ऐसा थोड़ी होता है वो हमें गुलाम बनाएँगे तो हम क्या चूड़ियाँ पहन कर खड़े रहेंगे?
जी नहीं, अव्वल तो इतने गट्स वाला पीएम चाहिए जो ब्रिटिश प्रिवी काउन्सिल के आदेश को मानने से मना करे।
और यदि मना कर भी दिया तो वो लोग हमला करेंगे और ब्रिटिश रॉयल आर्मी के आगे भारत की सेना 48 से 72 घंटे टिक पाए वो भी बहुत है।
exp
ये दुखद सत्य है लेकिन शास्त्री जी और इंदिरा गांधी के बाद किसी भी पीएम ने कभी सेना मजबूत करने और स्वदेशी हथियार निर्माण की ओर कोई कदम नहीं उठाया।
Solution
Solution is to scrap article-147 and also improve weapon manufacturing. How can we improve weapon manufacturing? Imo, law-drafts like #Minerals3, #WealthTax2 , #JurySys3 will enable us to improve weapon manufacturing,. What can you do to bring these laws? Pls see https://www.facebook.com/mehtarahulc/posts/10155655016566922