यदि किसी व्यक्ति न्यायालय द्वारा फांसी की सजा दी जा चुकी हो किन्तु सरकार उसे टॉर्चर करने के लिए जिन्दा रखना चाहती हो तो सरकार अमुक व्यक्ति को फांसी देने का नाटक करेगी। और जब इस तरह का ड्रामा स्टेज किया जाएगा तो परिवारजनों को शव नहीं दिया जा सकता !! क्योंकि शव देने के लिए वास्तव में फांसी देना जरुरी हो जाता है।

Operation Trojan Horse: Secret mission under which Bhagat Singh was allegedly shot dead

ऊपर जो विवरण दिए गए है यह सभी तथ्य रिकॉर्ड पर है।

अहिंसामूर्ती महात्मा भगत सिंह जी कि हत्या “ओपरेशन ट्रोजन हॉर्स” के तहत कि गयी थी। और उन्हें फांसी द्वारा नहीं, बल्कि बंदूक की गोली द्वारा मारा गया था। सांडर्स के परिवार जनों ने लार्ड इरविन से भगत सिंह जी कि जान का सौदा किया था। समझौते के तहत गवर्नर जनरल ने सांडर्स के परिवार को यह अनुमति दी थी कि वे भगत सिंह जी को खुद अपने हाथो से गोली मार सकते है। समझौते के तहत 23 मार्च 1931 को सांडर्स के परिवार जनों को जेल में बुलाया गया और उन्होंने अपने हाथों से भगत सिंह जी को गोली मारी थी।


यदि गोरो को धांधली नहीं करनी होती तो भगत सिंह जी के परिवार के सीमित सदस्यों उपस्थिति में प्रशासन परिसर में उनका दाह संस्कार किया जा सकता था।